रिमझिम के तराने ले के आई बरसात
याद आये किसी से वो पहली मुलाक़ात
रिमझिम के तराने…
भीगे तनमन पड़े रस की फुहार
प्यार का संदेसा लाई बरखा बहार
मैं ना बोलू आँखे करे अँखियों से बात
रिमझिम के तराने…
सुन के मतवाले काले बादलों का शोर
रुमझुम, घुमघुम नाचे मन का मोर
सपनों का साथी चल रहा है मेरे साथ
रिमझिम के तराने…
जब मिलते हो तुम तो
छिड़ते हैं दिल के तार
मिलने को तुमसे मैं
क्यूँ था बेकरार
रह जाती हैं क्यों होठों तक
आ के दिल की बात
रिमझिम के तराने…